मम्प्स (गले की सूजन): रोकथाम और जटिलताएं

रोकथाम (बचाव)

  • टीकाकरण (एमएमआर)।
  • स्कूल, कॉलेज या कार्य से दूर रहें।
  • अपने हाथ उचित तरीके से धोएँ।
  • हमेशा टिश्यू पेपर का प्रयोग करें।
  • रोग का जल्दी निर्धारण और शीघ्र चिकित्सा।
  • दूसरों की वस्तुएँ उपयोग न करें।
Immunization

अन्य

बच्चे के विद्यालय प्रवेश के पहले एमएमआर के दो डोस लगवाने की सलाह दी जाती है:
  • पहला 12 से 15 माह की आयु पर।
  • दूसरा 4 से 6 वर्ष की आयु के मध्य, या 11 से 12 वर्ष के मध्य, यदि पिछला टीका ना लगा हो।
  • आपको वैक्सीन की आवश्यकता नहीं है, यदि आपको;
  • एमएमआर वैक्सीन के दो डोस 12 माह की आयु के बाद, या एमएमआर वैक्सीन का एक डोस और मीज़ल्स वैक्सीन का दूसरा डोस, दोनों एक साथ, लगे हों।
  • एमएमआर का एक डोस लगा हो और आप मम्प्स या मीज़ल्स के अधिक प्रभाव या चपेट की स्थिति में नहीं हैं।
  • रक्त परीक्षण से ये पता लगा हो कि आप मीज़ल्स, मम्प्स और रूबेला से प्रतिरक्षित हैं।
जिन्हें वैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए, वे हैं:
  • गर्भवती महिलाऐं या वे महिलाऐं जो अगले चार सप्ताह में गर्भधारण का विचार रखती हैं।
  • वे लोग जिन्हें जेलाटीन या एंटीबायोटिक नियोमायसिन से प्राणघातक एलर्जी प्रतिक्रिया होती है।
  • अत्यंत कमजोर प्रतिरक्षक तंत्र वाले या स्टेरॉयड की गोलियां खाने वाले लोग, जब तक कि वैक्सीन के लाभ खतरे से अधिक ना हो रहे हों।
एमएमआर वैक्सीन किसे लगवानी चाहिये?
  • गर्भधारण में सक्षम किन्तु गर्भरहित महिला को।
  • कॉलेज, स्कूल या सेकेंडरी के बाद का स्कूल जाने वालों को
  • अस्पताल, स्वास्थ्य सुविधा, बच्चो की देखभाल की जगह या शाला में काम करने वालों को।
  • समुद्रपारीय यात्रा की योजना वालों को।

ध्यान देने की बातें

  • आँखों का लाल होना।
  • खाने और पीने में कठिनाई।
  • पेट में दर्द
  • लड़कों में, अंडकोष पर सूजन और दर्द

डॉक्टर को कब दिखाएँ

अपने डॉक्टर से संपर्क करें यदि आपको
  • तीव्र सिरदर्द और बुखार है।
  • पेट में दर्द, मतली और उल्टी है।
  • गर्दन में जकड़न है।
  • लगातार उनींदापन बना हुआ है।
  • साँस लेने में कठिनाई है या साँस की गति सामान्य से तेज है।




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