इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम (अनियमित मलत्याग): प्रमुख जानकारी और निदान

इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम (अनियमित मलत्याग) क्या है?

आइबीएस पाचन तंत्र की कार्यप्रणाली में लम्बे समय से या बार-बार उत्पन्न परिवर्तनों के कारण उत्पन्न हुआ विकार है। आइबीएस कोई रोग नहीं है, बल्कि यह एक साथ होने वाले कई लक्षणों का समूह है। इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम (आइबीएस) कम-से-कम 10-15% वयस्कों को प्रभावित करता है। आमतौर पर इसमें बड़ी आंत (कोलन) और छोटी आंत के अवरोध आते हैं। अवरोधों में हैं:
  1. मोटर सेंसिटिविटी (गतिशीलता)
  2. एहसास
  3. स्राव
आँतों से सम्बंधित ये गतिविधियाँ मस्तिष्क द्वारा नियंत्रित की जाती हैं। ये नियंत्रण भी सुचारू नहीं रह जाता। इसीलिए आइबीएस को मस्तिष्क-आंत विकार (ब्रेन-गट डिसऑर्डर) कहा जाता है।
IBS

रोग अवधि

ठीक होना धीमी प्रक्रिया है। सुधार होने में छः माह या अधिक लग सकते हैं।

जाँच और परीक्षण

  • मल परीक्षण
  • लोअर जीआई सीरीज (एक्स-रे)।
  • फ्लेक्सिबल सिग्मोइडोस्कोपी या कोलोनोस्कोपी।
  • लेक्टोस इनटॉलेरेंस टेस्ट।

डॉक्टर द्वारा आम सवालों के जवाब

Q1.मेरा पेट ख़राब है, क्या यह इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम है?
इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम का निर्धारण होता है:
बार-बार होने वाला पेट दर्द या परेशानी, जो कि महीने में 3 दिनों के लिए हो, और ऐसा पिछले 3 महीनों से हो रहा हो, साथ ही निम्न में से कोई दो बातें और हों:
  • मलत्याग के बाद बेहतर लगना।
  • मलत्याग की आवृत्ति में परिवर्तन से जुड़ा प्रकरण।
  • मल की दिखावट में परिवर्तन से जुड़ा प्रकरण।

Q2. यदि मेरे डॉक्टर मेरे आइबीएस के उपचार में अवसादरोधी दवा लिखते हैं, तो क्या मुझे मनोवैज्ञानिक विकार है?
यह जरूरी नहीं है। आईबीएस में कम मात्रा के अवसादरोधी लाभकारी होते हैं, क्योंकि ड्रग्स का ये प्रकार दर्द में और सभी लक्षणों में राहत देता है। इस उद्देश्य के लिए दवा की मात्रा, अवसाद के लिए इलाज की मात्रा से काफी कम होती है। अवसाद रोधी प्रभावी होते हैं, वे मल की गतिशीलता को घटाते हैं, और इस प्रकार दस्त के लक्षणों में राहत देते हैं।

Q3.क्या बैक्टीरिया आइबीएस के लक्षणों को प्रभावित करता है?
पूरे पाचन तंत्र में करोड़ों की संख्या में बैक्टीरिया होते हैं। कुछ आँतों के कार्य को सुचारू चलाने में मदद करते हैं, तो कुछ अन्य संक्रमण या सूजन उत्पन्न करते हैं।
जब आंत में लाभकारी और हानिकारक बैक्टीरिया के बीच का संतुलन बदल जाता है, तो इसका परिणाम पाचन तंत्र की बदली कार्यक्षमता और पाचन तंत्र के क्रोनिक लक्षणों के रूप में दिखाई देता है।

Q4. क्या लेक्टोस इनटॉलेरेंस आईबीएस का कारण बनता है?
लेक्टोस (दूध में उपस्थित शक्कर) इनटॉलेरेंस, आइबीएस से मिलते जुलते लक्षण उत्पन्न कर सकता है। किसी व्यक्ति को ये दोनों एक समय में एक साथ हो सकते हैं, लेकिन ये भिन्न स्थितियाँ हैं जिनका इलाज भी अलग-अलग होता है।
यदि मुख्य लक्षण अतिसार और गैस की बढ़ी हुई मात्रा है, लेक्टेस की कमी की संभावना को हाइड्रोजन ब्रेथ टेस्ट या 3-सप्ताह तक लेक्टोस रहित आहार देने के पश्चात आकलन करके निश्चित किया जाता है।



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